RAMCHARITMANAS CHAUPAI QUOTES

 रामचरितमानस की प्रसिद्ध चौपाई 

श्री रामचरितमानस तुलसीदास जी द्वारा रचित है। तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस की चौपाइयों में मंत्र तुल्य शक्तियां हैं। रामचरितमानस पढ़ने से हमें श्री राम के जीवन से बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है। 

श्री रामचरितमानस की प्रेरणादायक चौपाईयां हमारे जीवन को एक नई दिशा प्रदान करती है। पढ़ें श्री रामचरितमानस की प्रसिद्ध भक्तिपूर्ण, ज्ञानवर्धक दोहे और चौपाईयां । 

TULSIDAS JI  RAMCHARITMANAS CHAUPAI 

मंगल भवन अमंगल हारी।   द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।। चौपाई RAMCHARITMANAS dohe chaupai

मंगल भवन अमंगल हारी।

 द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।। 

- बालकांड 


हरि अनंत हरि कथा अनंता।  कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता चौपाई दोहा Famous RAMCHARITMANAS dohe chaupai quotes

 हरि अनंत हरि कथा अनंता।

कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥ 

- बालकांड 

- रामचरितमानस बालकांड का सार

होइहि सोइ जो राम रचि राखा। 

को करि तर्क बढ़ावै साखा॥ 

- बालकाण्ड। 

नौमी तिथि मधुमास पुनीता,   सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीति।  मध्य दिवस अति सीत न घामा,   पावन काल लोक बिश्रामा।।

नौमी तिथि मधुमास पुनीता,

 सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीति।

मध्य दिवस अति सीत न घामा, 

पावन काल लोक बिश्रामा।। 
- बालकांड 


 भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी ।

हरषित महतारी, मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप बिचारी ॥

- बालकाण्ड 

राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार। तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर॥- बालकांड Tulsidas ke dohe Ramcharitmanas ke dohe

राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।

तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर॥

- बालकांड 


बिनु सत्संग बिबेक न होई। 

राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥

सतसंगत मुद मंगल मूला। 

सोई फल सिधि सब साधन फूला॥ 

Jab te Ram bhaye Ghar aaye chaupai जब तें राम बियाह घर आये चौपाई रामचरितमानस

जब तें रामु ब्याहि घर आए ।

नित नव मंगल मोद बधाए ॥

भुवन चारिदस भूधर भारी ।

सुकृत मेघ बरषहिं सुख बारी ॥

-अयोध्या काण्ड 

रामचरितमानस अयोध्या काण्ड का सार

जा पर कृपा राम की होई।

ता पर कृपा करहिं सब कोई॥

- अरण्यकाण्ड 

रामचरितमानस अरण्य काण्ड का सार

RAMCHARITMANAS FAMOUS DOHE CHAUPAI quotes with images photos in hindi

कवन सो काज कठिन जग माहीं। 

जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥

राम काज लगि तव अवतारा। 

सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥

- किष्किन्धाकाण्ड 

रामचरितमानस किष्किन्धाकाण्ड का सार


सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति।

सहज कृपन सन सुंदर नीति।

- सुंदरकांड  


सकल सुगमंल दायक रघुनायक गुन गान।

सादर सुनहिं ते तरहिं भव सिंधु बिना जलजान।

- सुंदरकांड 

Hanuman chalisa quotes 


दीन दयाल बिरिदु संभारी।

हरहु नाथ मम संकट भारी।

- सुंदरकांड  


सुमति कुमति सब कें उर रहहीं। नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥

जहाँ सुमति तहँ संपति नाना। जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥ - सुंदरकांड

सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।

- सुंदरकांड

दीन दयाल बिरिदु संभारी।

हरहु नाथ मम संकट भारी।। 

- सुंदरकाण्ड 

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।

- उत्तरकाण्ड  

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