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Showing posts from April, 2024

YATRA YATRA RAGUNATH KITARANAM SHLOK WITH MEANING IN HINDI

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यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं श्लोक हिन्दी अर्थ सहित  यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम् ।  वाष्पवारिपरिपूर्णलोचन  मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ भावार्थ - जहांँ जहांँ पर श्री राम के नाम का गुणगान होता है , वहांँ वहांँ हनुमान जी हाथ जोड़े ,शीश झुकाए, नेत्रों में भावपूर्ण अश्रुओं के साथ उपस्थित रहते है। मैं राक्षसों का नाश करने वाले हनुमान जी को प्रणाम करता हूं जो मारुति नाम से विख्यात है।

RADHA KRISHNA QUOTES IN SANSKRIT

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 श्री राधा कृष्ण प्रेम श्लोक  वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वरः।  जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम ॥  भावार्थ - श्री राधा रानी वृन्दावन की स्वामिनी हैं और श्रीकृष्ण वृन्दावन के स्वामी ,हे प्रभु! मेरे जीवन का हर एक क्षण श्रीराधा कृष्ण के आश्रय में बीते।  व्रजन्तीं स्ववृन्दावने नित्यकालं मुकुन्देन साकं विधायाङ्कमालाम् समामोक्ष्यमाणानुकम्पाकटाक्षैः श्रियं चिन्तये सच्चिदानन्दरूपाम्।। भावार्थ- हे राधिके ! आप प्रतिदिन नियत समय पर श्री कृष्ण भगवान को अपने अंक की माला अर्पित करती है । आप उनके साथ अपनी लीला भूमि वृन्दावन में विचरण करती हैं। भक्त जनों पर प्रयुक्त होने वाले कृपा-कटाक्षों से सुशोभित उन सच्चिदानंद स्वरूपा श्री राधिके का चिंतन करते रहना चाहिए। Read more.... Hanuman chalisa quotes   Krishna quotes in Hindi

ACHYUTAM KESHAVAN RAM NARAYANAM WITH MEANING

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अच्युतं केशवं राम नारायणं अर्थ सहित  अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरीम। श्रीधरम माधवम गोपिकावल्लभम  जानकीनायकम रामचन्द्रम भजे। भावार्थ- हे अच्युत! हे केशव!, हे राम! जो नारायण के रूप हैं, मैं आपको भजता हूं, हे कृष्ण! हे दामोदर! हे वासुदेव! मैं आपको भजता हूं। हे हरि!, हे श्रीधर!, हे माधव!, जो गोपियों के प्रिय थे, मैं आपकी पूजा करता हूं। देवी जानकी के स्वामी! प्रभु श्री रामचन्द्र को मैं भजता हूं ।

MATA CHINTPURNI CHAITRA NAVRATRI MELA

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माता चिंतपूर्णी चैत्र नवरात्रि मेला 2024 9 APRIL - 17 APRIL  माता चिंतपूर्णी मंदिर में प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि में मेला आयोजित किया जाता है। 2024 में यह मेला चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 9 अप्रैल से आरंभ हो गया है और 17 अप्रैल तक चलेगा।  मंदिर परिसर को सुंदर फूलों से सजाया जाता है। मां चिंतपूर्णी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। माता के भक्त दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सुंदर फूलों से माता चिंतपूर्णी मंदिर के प्रवेश द्वार, गर्भ गृह और मंदिर परिसर को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाया जाता है।  स्थानीय लोग माता के मेले को माता दा मेला कह कर पुकारते हैं। माता चिंतपूर्णी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है और उनकी चिंताओं को हरती है। माता चिंतपूर्णी धाम हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित है। चिंतपूर्णी धाम शक्तिपीठ है मान्यता के अनुसार जहां पर मां सती के चरण गिरे थे। माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपनी देह का त्याग कर दिया था। भगवान शिव को जब माता सती के देह त्याग का पता चला तो वहां पहुंच कर सती के शरीर को बाहर निकाल कर तांडव करने लगे तो सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए