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Showing posts from May, 2024

HANUMAN CHALISA QUOTES

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 हनुमान चालीसा कॉटस इन हिन्दी  हनुमान जी श्री राम के अनन्य भक्त माने जाते है। हनुमान चालीसा तुलसीदास जी ने लिखी थी। पढ़ें हनुमान चालीसा lyrics with images. श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।।  बरनऊंँ  रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन   तनु  जानिके,  सुमिरौं  पवन   कुमार।।  बल बुद्धि बिद्या देहु  मोहिं,  हरहु कलेश विकार।।                   ।।चौपाई।।  जय हनुमान  ज्ञान   गुन सागर।  जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।  रामदूत  अतुलित   बल  धामा।  अंजनि-पुत्र  पवनसुत   नामा।।  महाबीर    बिक्रम     बजरंगी।  कुमति निवार सुमति के संगी।।  कंचन  बरन  बिराज  सुबेसा।  कानन कुंडल कुंचित केसा।।  हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।  कांँधे   मूंँज जनेऊ   साजै।।  शंकर   सुवन  केसरीनंदन।  तेज प्रताप महा  जग बंदन।।  विद्यावान गुनी अति चातुर।  राम काज करिबे को आतुर।।  प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।  राम लखन सीता मन बसिया।।  सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।  विकट रूप धरि लंक जरावा।।  भीम रूप धरि असुर संँहारे।  रामचंद्र के काज संँवारे।।   लाय सजीवन लखन जियाये।  श्री  रघुबीर  हरषि  उर  लाये।।  रघु

KRISHNAM VANDE JAGADGURUM ASHTAKAM LYRICS IN SANSKRIT

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 कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् लिरिक्स इन संस्कृत  वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दानम्। देवकी परमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। अतसी पुष्प संकाशं हार नुपुर शोभितम्। रत्न कंकण कयूरं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। कुटिलालक संयुक्तं पूर्णचंद्र निभाननम्। विलसत्कुंडलधरं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। मंदार गंध संयुक्तं चारुहासं चतुर्भुजम्।  बर्हिपिञ्छावचूडाङ्गं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षं नीलजीमृत संनिभम् । यादवानां शिरो रत्नं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।  रूक्मिणि केलि संयुक्तं पीताम्बरं सुशोभितम्। आवाप्त तुलसी गन्धं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम्।। गोपिकानां कुचद्वन्धं कुंकुमांकित वक्षसम् । श्रीनिकेतं महेष्वासं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।  श्रीवत्सांक महोस्करम् वनमाला विराजितम् । शंख चक्र धरं देवं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।। कृष्णाष्टकमिदं पुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत् |  कोटि जन्म कृतं पापं स्मरणेन विनष्यति ॥