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DAYA KAR DAAN VIDHYA KA HAME PARMATMA DENA

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दया कर दान भक्ति लिरिक्स दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना,  दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना ।  हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ,  अँधेरे दिल में आकर के, प्रभु ज्योति जगा देना ।  बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर,  हमें आपस में मिल-जुल के, प्रभु रहना सीखा देना ।  हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा,  सदा ईमान हो सेवा, व सेवक जन बना देना ।  वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना,  वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु हमको सीखा देना । दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना,  दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना

JAGANNATH ASHTAKAM LYRICS

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 जगन्नाथ अष्टकम लिरिक्स इन संस्कृत  jagannath swami nayana patha gami lyrics  कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदो जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे ॥१॥ भुजे सव्ये वेणुं शिरसि शिखिपिच्छं कटितटे दुकूलं नेत्रान्ते सहचर-कटाक्षं विदधते । सदा श्रीमद्‍-वृन्दावन-वसति-लीला-परिचयो जगन्नाथः स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ॥२॥ महाम्भोधेस्तीरे कनक रुचिरे नील शिखरे वसन् प्रासादान्तः सहज बलभद्रेण बलिना । सुभद्रा मध्यस्थः सकलसुर सेवावसरदो जगन्नाथः स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ॥३॥ कृपा पारावारः सजल जलद श्रेणिरुचिरो रमा वाणी रामः स्फुरद् अमल पङ्केरुहमुखः । सुरेन्द्रैर् आराध्यः श्रुतिगण शिखा गीत चरितो जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे ॥४॥ रथारूढो गच्छन् पथि मिलित भूदेव पटलैः स्तुति प्रादुर्भावम् प्रतिपदमुपाकर्ण्य सदयः । दया सिन्धुर्बन्धुः सकल जगतां सिन्धु सुतया जगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु मे ॥५॥ परंब्रह्मापीड़ः कुवलय-दलोत्‍फुल्ल-नयनो निवासी नीलाद्रौ निहित-चरणोऽनन्त-शिरसि । रसानन्दी राधा-सरस-वपुरालिङ्गन-सुखो जगन्नाथः स्वामी नयन-प