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GANANAYKAY GANDEVATAY GANADHYAKSHAY DHEEMAHI STUTI MANTRA

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गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि स्तुति लिरिक्स संस्कृत में  गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि  एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि  गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय  गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि  एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते गायकाधीनविग्रहाय गंगाजलप्रणयवते गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय ग

GULAL SE RANGI YARA PREET RANGA DE BHAJAN LYRICS

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 गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे भजन लिरिक्स इन हिन्दी  Madhavs Rock Band का यह भजन श्री राधा कृष्ण की भक्ति से ओत-प्रोत बहुत ही सुंदर और हृदय स्पर्शी भजन है।‌ गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  दिल में दबी है, तेरी ही चाहत  दर्शन से तोरे, मिले दिल को राहत  होठों के संग मेरा दिल भी हंसा दे मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  दुनिया सोचे सारी चुप क्यों हैं बांके बिहारी  दुनिया सोचे सारी चुप क्यों हैं बांके बिहारी  अरे! वो क्या जाने कि तू करे बातें आंखों से सारी  जो तुझ तक पहुंचे ऐसी राह दिखा दे मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  लग्न लगा दे, तुझ को तेरी सांवरिया  झूमू बन के मैं तेरी बावरिया  लग्न लगा दे, तुझ को तेरी सांवरिया  झूमू बन के मैं तेरी बावरिया  मुझ को तू बस यारा खुद से मिला दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत लगा दे  मुख से श्री राधा श्री कृष्ण जपा दे  गुलाल सी रंगी यारा प्रीत ल

GANESHA STUTI IN SANSKRIT

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 गणेश जी की स्तुति संस्कृत में  श्री गणेश संकटनाशन स्तोत्र  प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्। भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्धये।। प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्। तृतीयं कृष्णपिंगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।। लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च। सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्। एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम्।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः। न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।। विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम्।। जपेद्गणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभते। संवत्सरेण सिद्धि च लभते नात्र संशयः।। अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत्। तस्य विद्या भवेत् सर्वा गणेशस्य प्रसादतः।।  ॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

RAKSHA BANDHAN QUOTES IN HINDI AND SANSKRIT

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 रक्षाबंधन की शुभकामनाएं हिन्दी और संस्कृत में  रक्षा बंधन का हिन्दू सनातन धर्म में विशेष महत्व है। रक्षाबंधन बहन भाई के शाश्वत प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की दीर्घायु की कामना से राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को शगुन और उपहार देते हैं। 2024 में रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं  बन्धु स्नेहेन मनो बध्नाति य:। भाव- जो मन को स्नेह से बांधे वह भाई। रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं। भ्राता! त्वं जीव शतं वर्धमान:। भाव- भाई ! तुम सौ साल जिओ। रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं। मंत्र - येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल: भाव - जिस रक्षा सूत्र से दानवीर राजा बलि बांधे गए थे मैं भी उसी रक्षा सूत्र से तुम को बांधता हूं यानि धर्म के प्रति बद्ध करता हूं। हे रक्षे (रक्षा सूत्र) चलायमान न हो , चलायमान न हो। रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं। Krishna quotes in Sanskrit

DAYA KAR DAAN VIDHYA KA HAME PARMATMA DENA

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दया कर दान भक्ति लिरिक्स दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना,  दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना ।  हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ,  अँधेरे दिल में आकर के, प्रभु ज्योति जगा देना ।  बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर,  हमें आपस में मिल-जुल के, प्रभु रहना सीखा देना ।  हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा,  सदा ईमान हो सेवा, व सेवक जन बना देना ।  वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना,  वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु हमको सीखा देना । दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना,  दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना